पे टीवी चैनल्स की रेट कम होना -
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के नए नियम के अनुसार सभी ज्यादा देखे जाने वाले टीवी चैनल्स ने अपनी चैनल के दाम 19 रुपये तक कर दिए थे, जिनको घटाकर अधिकतम दाम 12 रुपये प्रति महीने हो जायेगा।फिर भी अगर किसी चैनल का दाम 12 रुपये से अधिक होता है उन्हें किसी भी बुके में शामिल नहीं किया जा सकेगा। TRAI ने Rs 12 से ज्यादा कीमत वाले चैनल्स को बुके लिस्ट से बाहर रखने का आदेश जारी किया है।
नेटवर्क कपीसिटी फीस (NCF) का कम होना -
पहले नेटवर्क कपीसिटी फीस (NCF) हर सब्सक्राइबर से Rs. 130 ली जाती थी वो अभी भी है लेकिन अब 100 फ्री चैनल्स की बजाय आप 200 फ्री चैनल देख सकते है। और तो और अधिकतम नेटवर्क कपीसिटी फीस (NCF) 160 रुपये से ज्यादा नहीं हो सकती।फ्री टीवी चैनल्स में वो चैनल नहीं गिने जायेगे जिन्हे TRAI ने दिखाना अनिवार्य किया हुआ है, जिसमे दूरदर्शन के टीवी चैनल्स शामिल है।
दूसरे कनेक्शन पर 40% तक NCF चार्ज कम होगा -
पहले दूसरे कनेक्शन पर भी NCF चार्ज 130 रुपये और टैक्स अलग से जोड़ा जाता था। अब दूसरे कनेक्शन पर आपको 40% तक की छूट मिलेगी।Symbolic image - Pixabay |
ट्राई की नई पॉलिसी -
1. बुके में उसी चैनल को शामिल किया जा सकता है, जिसकी एमआरपी Rs.12 से ज्यादा ना हो। फ़िलहाल कई टीवी चैनल्स 19 रुपये के आस पास है।2. बुके में शामिल चैनलों की अलग-अलग एमआरपी का जोड़, बुके की कीमत का डेढ़ गुना से ज्यादा नहीं होगा। मतलब अगर चैनल की एमआरपी बढ़ाई तो बुके का दाम भी बढ़ेगा। इससे ग्राहक चैनल चुनेगा बुके नहीं।
3. किसी चैनल की एमआरपी, बुके में उस चैनल की औसत कीमत का तीन गुने से ज्यादा नहीं होगी।
ट्राई के द्वारा जारी इस पालिसी की ओरिजिनल कॉपी आप यहाँ से देखे